भारत पर विदेशी आक्रमण MCQ

प्राचीन भारत के इतिहास में विदेशी आक्रमण से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs),

1. निम्नलिखित में से कौन सिकंदर के साथ भारत में नहीं आया था?

(a) नियार्कस

(b) आनेसिक्रिटस

(c) डाइमेकस

(d) अरिस्टोब्यूलस

उत्‍तर : (c) :    सिकंदर के साथ भारत आने वालों में नियार्कस, आनेसिक्रिटस और अरिस्टोब्यूलस प्रमुख थे।
नियार्कस उसकी नौसेना का प्रमुख था।
आनेसिक्रिटस एक नाविक और इतिहासकार था।
अरिस्टोब्यूलस भूगोल और अभियंत्रण का विशेषज्ञ था, जिसने भारत यात्रा का विवरण भी लिखा।
वहीं डाइमेकस, सिकंदर के समय का नहीं था। वह यूनानी राजा सेल्यूकस निकेटर का दूत था, जिसे मौर्य सम्राट बिंदुसार के दरबार में भेजा गया था। इसलिए डाइमेकस सिकंदर के साथ भारत नहीं आया था। : छठी

2. भारत में सिकंदर की सफलता निम्न कारणों से थी-

1. उस समय भारत में कोई केंद्रीय सत्ता नहीं थी

2. उसकी फौज बेहतर थी

3. उसे देशद्रोही शासकों से सहायता मिली

3. वह एक अच्छा प्रशासक था

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-

(a) 1 तथा 2

(b) 1, 2 तथा 3

(c) 2, 3 तथा 4

(d) उपर्युक्त सभी

उत्‍तर : (b) :    व्याख्या : सिकंदर की भारत में आंशिक सफलता के पीछे कई प्रमुख कारण थे:
(1) कोई केंद्रीय सत्ता नहीं थी: उस समय भारत कई छोटे-छोटे राज्यों में बंटा हुआ था। कोई भी शक्तिशाली अखिल भारतीय सम्राट नहीं था जो उसके विरुद्ध एकजुट प्रतिरोध करता।
(2) बेहतर फौज: सिकंदर की सेना में अनुशासन, रणनीति और तकनीकी श्रेष्ठता थी, जो भारतीय सेनाओं की तुलना में अधिक संगठित और प्रशिक्षित थी।
(3) देशद्रोही शासकों से सहायता: कई भारतीय राजाओं ने अपने हित के लिए सिकंदर का साथ दिया, जिससे उसे स्थानीय समर्थन मिला।
(4) अच्छा प्रशासक होना, यद्यपि एक विशेषता थी, लेकिन यह भारत में उसकी सफलता का कारण नहीं माना जाता, क्योंकि वह लंबे समय तक भारत में रहा ही नहीं।
इसलिए विकल्प (b) 1, 2 तथा 3 ही सबसे उपयुक्त और तर्कसंगत उत्तर है।

4. युद्ध-भूमि में बड़ी संख्या में सैनिकों के मारे जाने अथवा आहत हो जाने के बाद किस भारतीय गण अथवा राज्य की स्त्रियों ने सिकंदर के विरुद्ध शस्त्र धारण किया था?

(a) अभिसार

(b) ग्लउसाइ

(c) कठ

(d) मस्सग

उत्‍तर : (d) :    व्याख्या : मस्सग (Massagetae) एक शक्तिशाली योद्धा जाति थी जो सिंधु नदी के क्षेत्र में निवास करती थी। सिकंदर के आक्रमण के दौरान, जब मस्सग जाति के अधिकांश पुरुष या तो युद्ध में मारे गए या गंभीर रूप से घायल हुए, तब उनकी स्त्रियों ने वीरता दिखाते हुए स्वयं शस्त्र उठा लिए और सिकंदर की सेना का डटकर मुकाबला किया। यह घटना यूनानी स्रोतों में भी वर्णित है और यह भारतीय इतिहास की उन घटनाओं में से एक है जो स्त्रियों की वीरता को दर्शाती है।
इसलिए ‘मस्सग’ (Massagetae) ही सही उत्तर है।

5. निम्नलिखित में से मगध का कौन-सा राजा सिकंदर महान के समकालीन था ?

(a) महापद्मनंद

(b) धनानंद

(c) सुकल्प

(d) चंद्रगुप्त मौर्य

उत्‍तर : (a) :    व्याख्या : जब सिकंदर महान ने 326 ईसा पूर्व में भारत पर आक्रमण किया, उस समय मगध पर नंद वंश का अंतिम शासक धनानंद शासन कर रहा था।
धनानंद के पास विशाल सेना थी, लेकिन उसकी अत्यधिक कर-नीति और अहंकारी व्यवहार के कारण जनता और सैनिक उससे असंतुष्ट थे। इसी दौरान चाणक्य (कौटिल्य) ने चंद्रगुप्त मौर्य को प्रशिक्षित कर नंद वंश को उखाड़ फेंकने की योजना बनाई।
महापद्मनंद धनानंद का पूर्ववर्ती था, सुकल्प पौराणिक पात्र है, और चंद्रगुप्त मौर्य ने सिकंदर के जाने के कुछ समय बाद सत्ता में कदम रखा।
इसलिए सिकंदर का समकालीन शासक केवल धनानंद था।

6. सिकंदर ने भारत में किस राजा से युद्ध किया था?
A) चंद्रगुप्त मौर्य
B) पोरस
C) बिंदुसार
D) अशोक

उत्‍तर : (b) :    व्याख्या : सिकंदर ने 326 ईसा पूर्व में भारत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में स्थित पोरस नामक राजा से युद्ध किया था। पोरस, जो पंजाब के हैफसिस नदी (वर्तमान झेलम नदी) के किनारे एक शक्तिशाली राजा था, ने सिकंदर का डटकर मुकाबला किया था। इस युद्ध को “हाईडेस्पेस युद्ध” (Battle of the Hydaspes) कहा जाता है।
•पोरस की सेना बहुत शक्तिशाली थी और उसकी घुड़सवार सेना ने सिकंदर को कठिन चुनौती दी।
•सिकंदर ने युद्ध में पोरस को पराजित किया, लेकिन उसके साहस और बहादुरी के कारण उसे सम्मानित किया और उसे फिर से अपनी भूमि पर शासन करने दिया।
चंद्रगुप्त मौर्य, बिंदुसार, और अशोक तो सिकंदर के आक्रमण के समय के बाद के शासक थे, जिनका संबंध मौर्य वंश से था।

7. पोरस और सिकंदर के बीच युद्ध कहाँ हुआ था?
A) झेलम नदी के किनारे
B) गंगा नदी के किनारे
C) सिन्धु नदी के किनारे
D) रावी नदी के किनारे

उत्‍तर : (a) :    व्याख्या : सिकंदर ने 326 ईसा पूर्व में भारत पर आक्रमण किया था। उस समय उत्तर भारत में नंद वंश का शासन था और इसका अंतिम शासक धनानंद था।
•नंद वंश की राजधानी पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना) थी।
•नंद वंश को उसकी विशाल सेना, लेकिन क्रूर कर-व्यवस्था और लोकविरोधी नीतियों के लिए जाना जाता था।
•हालांकि सिकंदर सीधे मगध तक नहीं पहुँच पाया, लेकिन नंदों की शक्ति और सेना की ख्याति उसकी पहुँच तक पहले ही पहुंच चुकी थी। मौर्य वंश का उदय बाद में हुआ, जब चंद्रगुप्त मौर्य ने नंद वंश को पराजित कर सत्ता संभाली।
शुंग और कण्व वंश तो मौर्यों के बहुत बाद आए। इसलिए उस समय नंद वंश ही उत्तर भारत का प्रमुख शासक था।

8. सिकंदर किस देश से था?
A) रोम
B) फारस
C) मकदूनिया
D) यूनान

उत्‍तर : (c) :    व्याख्या : सिकंदर का जन्म मकदूनिया (वर्तमान ग्रीस) में हुआ था। वह फिलिप द्वितीय का पुत्र था और मकदूनिया का सम्राट बनकर उसने एक विशाल साम्राज्य स्थापित किया।
रोम, फारस, और यूनान से सिकंदर का कोई सीधा संबंध नहीं था, हालांकि वह यूनानी सभ्यता से प्रभावित था।

9. सिकंदर ने भारत में किस स्थान तक विजय प्राप्त की थी?
A) दिल्ली
B) पंजाब
C) नर्मदा
D) गंगा

उत्‍तर : (b) :    व्याख्या : सिकंदर ने पंजाब तक विजय प्राप्त की थी, जहाँ उसने पोरस से युद्ध किया था। सिकंदर ने झेलम नदी के पास पोरस की सेना को हराया, लेकिन इसके आगे बढ़ने के बाद उसकी सेना थक गई और भारतीय उपमहाद्वीप के गहरे अंदर जाने का विरोध किया।
दिल्ली, नर्मदा, और गंगा तक सिकंदर की विजय नहीं पहुंची।

10. सिकंदर की मृत्यु कहाँ हुई थी?
A) भारत
B) बैबिलोन
C) यूनान
D) मिस्र

उत्‍तर : (b) :    व्याख्या : सिकंदर की मृत्यु बैबिलोन (वर्तमान इराक) में हुई थी, 323 ईसा पूर्व। वह महज 32 वर्ष का था जब उसने इस दुनिया को अलविदा कहा। उसकी मृत्यु के कारणों पर कई मत हैं, जिसमें बुखार, विषाक्त पदार्थ, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं शामिल हैं।
✅ भारत, यूनान, और मिस्र में उसकी मृत्यु नहीं हुई थी।

12. सिकंदर के भारत आक्रमण का उद्देश्य क्या था?
A) भारत को जीतना
B) व्यापार
C) विश्व विजय
D) धार्मिक प्रचार

उत्‍तर : (c) :    व्याख्या : सिकंदर का मुख्य उद्देश्य विश्व विजय था। वह एक विशाल साम्राज्य स्थापित करना चाहता था और अपनी विजय यात्रा में भारत तक पहुंचा। उसका लक्ष्य केवल व्यापार या धार्मिक प्रचार नहीं था, बल्कि वह पूरी दुनिया को जीतने का सपना देखता था।
✅ भारत को जीतना, व्यापार, और धार्मिक प्रचार सिकंदर के मुख्य उद्देश्य नहीं थे।

13. भारत में सिकंदर की विजय को कौन रोक न सका?
A) चंद्रगुप्त
B) पोरस
C) बिंदुसार
D) कोई नहीं

उत्‍तर : (b) :    व्याख्या : सिकंदर की भारत में विजय को पोरस ने रोकने का प्रयास किया। पोरस, जो पंजाब का शासक था, ने हाईडेस्पेस युद्ध (झेलम नदी के किनारे) में सिकंदर की सेना से संघर्ष किया, लेकिन वह सिकंदर को रोक नहीं सका। सिकंदर ने पोरस को हराया, लेकिन उसकी वीरता के कारण उसे सम्मानित किया और उसकी भूमि पर शासन करने दिया।
✅ चंद्रगुप्त, बिंदुसार, और कोई नहीं सिकंदर के समय के बाद आए थे।

14. भारत में सिकंदर कितने समय तक रहा था?
A) 6 महीने
B) 1 वर्ष
C) 2 वर्ष
D) 5 वर्ष

उत्‍तर : (b) :    व्याख्या : सिकंदर भारत में 1 वर्ष (326-325 ईसा पूर्व) तक रहा था। उसने भारत में पोरस से युद्ध किया और फिर अपनी सेना को नदी पार कराते हुए वापस लौटने का निर्णय लिया, क्योंकि उसके सैनिक थक चुके थे और भारतीय उपमहाद्वीप में आगे बढ़ने के लिए तैयार नहीं थे।
📘 6 महीने, 2 वर्ष, और 5 वर्ष तक सिकंदर भारत में नहीं रहा।

15. सिकंदर के भारत छोड़ने के बाद उसकी सेना का क्या हुआ?
A) भारत में बस गई
B) वापस लौट गई
C) मर गई
D) चंद्रगुप्त ने पराजित कर दिया

उत्‍तर : (b) :    व्याख्या : सिकंदर के भारत छोड़ने के बाद, उसकी सेना वापस लौट गई। भारतीय उपमहाद्वीप में आगे बढ़ने के बाद सैनिक थक गए थे और वे युद्ध के लिए तैयार नहीं थे, इसलिए सिकंदर को अपनी सेना को वापस बुलाना पड़ा। सैनिकों ने वापस बाबुल (बैबिलोन) जाने का निर्णय लिया, जहां से उन्होंने अपनी यात्रा शुरू की थी।
✅ भारत में बस गई, मर गई, और चंद्रगुप्त ने पराजित कर दिया विकल्प सही नहीं हैं।

16. भारत पर सबसे पहले किस विदेशी जाति ने आक्रमण किया?
A) शक
B) यूनानी
C) पार्थियन
D) कुषाण

उत्‍तर : (b) :    व्याख्या : भारत पर सबसे पहले यूनानी जाति ने आक्रमण किया, जब सिकंदर महान ने 326 ईसा पूर्व भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग पर आक्रमण किया। सिकंदर का उद्देश्य पूरे एशिया में विजय प्राप्त करना था, और उसने भारत में पोरस से युद्ध किया। यह यूनानी आक्रमण था, जो भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण माना जाता है।
✅ शक, पार्थियन, और कुषाण जातियों ने बाद में भारत पर आक्रमण किया, लेकिन यूनानी पहले थे।

17. कनिष्क किस विदेशी जाति से संबंधित था?
A) हूण
B) शक
C) कुषाण
D) फारसी

उत्‍तर : (c) :    व्याख्या : कनिष्क कुषाण साम्राज्य का महान शासक था। वह एक कुषाण शासक था और उसकी राजधानी पेशावर (वर्तमान पाकिस्तान) में थी। कनिष्क ने अपनी साम्राज्य की सीमाओं का विस्तार किया और बौद्ध धर्म के प्रचार में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वह बौद्ध धर्म के एक प्रमुख संरक्षक के रूप में प्रसिद्ध है।
✅ हूण, शक, और फारसी कनिष्क से संबंधित नहीं थे।

18. कनिष्क ने भारत में किस धर्म का संरक्षण किया?
A) हिंदू
B) जैन
C) बौद्ध
D) पारसी

उत्‍तर : (c) :    व्याख्या : कनिष्क ने बौद्ध धर्म का संरक्षण किया और उसे फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह कुषाण साम्राज्य का एक महान शासक था और बौद्ध धर्म के एक प्रमुख संरक्षक के रूप में प्रसिद्ध है। कनिष्क ने कश्मीर में कश्मीर परिषद (Council of Kashmir) का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य बौद्ध धर्म के सिद्धांतों को स्पष्ट करना था।
✅ हिंदू, जैन, और पारसी धर्मों का संरक्षण कनिष्क ने नहीं किया।

19. शक आक्रमणकारियों का प्रमुख केंद्र कहाँ था?
A) पाटलिपुत्र

B) मथुरा
C) उज्जैन
D) तक्षशिला

उत्‍तर : (c) :    व्याख्या : शक आक्रमणकारियों का प्रमुख केंद्र उज्जैन था, जो उस समय मध्य भारत में स्थित था। उज्जैन शकों का राजधानी और उनके साम्राज्य का महत्वपूर्ण केंद्र बना, जहां से उन्होंने अपने साम्राज्य का विस्तार किया। शकों का शासन उत्तर-पश्चिम भारत और मध्य भारत में फैला हुआ था।
✅ पाटलिपुत्र, मथुरा, और तक्षशिला शकों के प्रमुख केंद्र नहीं थे।

20. कनिष्क की राजधानी क्या थी?
A) पुरुषपुर
B) पाटलिपुत्र
C) मथुरा
D) तक्षशिला

उत्‍तर : (a) :    व्याख्या : कनिष्क की राजधानी पुरुषपुर थी, जो वर्तमान पाकिस्तान के पेशावर के पास स्थित थी। कनिष्क ने अपने साम्राज्य का विस्तार किया और पुरुषपुर को अपने साम्राज्य का केंद्र बनाया। यह शहर उस समय के महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और व्यापारिक केंद्रों में से एक था।
✅ पाटलिपुत्र, मथुरा, और तक्षशिला कनिष्क की राजधानी नहीं थे।

21. हूणों का प्रमुख नेता कौन था जिसने गुप्त साम्राज्य को कमजोर किया?
A) तोरमाण
B) कनिष्क
C) पोरस
D) मिहिरकुल

उत्‍तर : (a) :    व्याख्या : हूणों का प्रमुख नेता तोरमाण था, जिसने गुप्त साम्राज्य को कमजोर किया। तोरमाण ने गुप्त सम्राट स्कंदगुप्त के समय पर आक्रमण किया और भारत के उत्तरी हिस्सों में विनाश मचाया। हालांकि, गुप्त साम्राज्य ने बाद में हूणों को पराजित किया, लेकिन तोरमाण का आक्रमण गुप्त साम्राज्य के लिए एक बड़ा झटका था।
✅ कनिष्क, पोरस, और मिहिरकुल हूणों के प्रमुख नेता नहीं थे।

22. हूणों को किसने भारत से बाहर निकाला?
A) समुद्रगुप्त
B) स्कंदगुप्त
C) चंद्रगुप्त मौर्य
D) हर्षवर्धन

उत्‍तर : (b) :    व्याख्या : स्कंदगुप्त ने हूणों को भारत से बाहर निकाला। वह गुप्त साम्राज्य का एक प्रमुख सम्राट था, जिसने हूण आक्रमणकारियों को भारतीय उपमहाद्वीप से हराया और गुप्त साम्राज्य को फिर से स्थापित किया। उसकी सैन्य क्षमताओं और रणनीतिक कौशल के कारण हूणों को भारत से बाहर खदेड़ने में सफलता मिली।
✅ समुद्रगुप्त, चंद्रगुप्त मौर्य, और हर्षवर्धन हूणों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में शामिल नहीं थे।

23. कनिष्क का शासनकाल किस सदी में था?
A) पहली सदी ई.पू.
B) पहली सदी ई.
C) दूसरी सदी ई.
D) तीसरी सदी ई.

उत्‍तर : (c) :    व्याख्या : कनिष्क का शासनकाल दूसरी सदी ई. में था। वह कुषाण साम्राज्य का महान सम्राट था, और उसका शासनकाल लगभग 127-150 ई. के बीच था। कनिष्क के समय में कुषाण साम्राज्य ने अपने साम्राज्य का विस्तार किया और बौद्ध धर्म के प्रचार में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
✅ पहली सदी ई.पू., पहली सदी ई., और तीसरी सदी ई. कनिष्क के शासनकाल के लिए सही नहीं हैं।

24. शक और कुषाणों का शासन काल किस क्षेत्र में अधिक प्रभावशाली था?
A) दक्षिण भारत
B) पूर्वी भारत
C) पश्चिमोत्तर भारत
D) गंगा घाटी

उत्‍तर : (c) :    व्याख्या : शक और कुषाणों का शासनकाल पश्चिमोत्तर भारत में अधिक प्रभावशाली था। ये दोनों साम्राज्य मुख्य रूप से पंजाब, कश्मीर, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के क्षेत्र में फैले हुए थे। इन साम्राज्यों ने इस क्षेत्र में अपने प्रभाव को स्थापित किया और सांस्कृतिक, व्यापारिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण योगदान दिया।
✅ दक्षिण भारत, पूर्वी भारत, और गंगा घाटी इन साम्राज्यों के लिए प्रमुख क्षेत्र नहीं थे।

25. हूणों ने किस काल में भारत पर आक्रमण किया था?
A) मौर्य काल
B) गुप्त काल
C) मुग़ल काल
D) मौर्यत्तर काल

उत्‍तर : (b) :    व्याख्या : हूणों ने गुप्त काल में भारत पर आक्रमण किया था। हूणों ने गुप्त सम्राट स्कंदगुप्त के शासनकाल के दौरान भारत में आक्रमण शुरू किया था। उनकी उपस्थिति ने गुप्त साम्राज्य को कमजोर किया, लेकिन अंततः स्कंदगुप्त ने उन्हें पराजित किया।
✅ मौर्य काल, मुग़ल काल, और मौर्यत्तर काल हूणों के आक्रमण के समय के नहीं थे।

26. विदेशी आक्रमणों के कारण भारत में किस धर्म का प्रसार हुआ?
A) हिन्दू धर्म
B) इस्लाम
C) बौद्ध धर्म
D) ईसाई धर्म

उत्‍तर : (c) :    व्याख्या : विदेशी आक्रमणों के कारण बौद्ध धर्म का प्रसार हुआ, खासकर कुषाणों और मौर्य साम्राज्य के समय। कनिष्क जैसे शासकों ने बौद्ध धर्म का संरक्षण किया और उसे फैलाया। इसके अलावा, भारतीय उपमहाद्वीप में आने वाले विदेशी आक्रमणकारियों के संपर्क से बौद्ध धर्म का प्रसार और भी बढ़ा, खासकर केंद्र और पश्चिमी एशिया में।
✅ हिन्दू धर्म, इस्लाम, और ईसाई धर्म विदेशी आक्रमणों के कारण नहीं फैलें।

27. यूनानी आक्रमणकारियों को भारत में क्या कहा जाता था?
A) शक
B) यवन
C) कुषाण
D) हूण

उत्‍तर : (b) :    व्याख्या : यूनानी आक्रमणकारियों को भारत में ‘यवन’ कहा जाता था। जब यूनानी आक्रमणकारी भारत में आए, तो उन्हें भारतीय साहित्य में ‘यवन’ नाम से जाना गया। सबसे प्रसिद्ध यूनानी आक्रमणकारी सिकंदर महान था, जिसका आक्रमण भारत के उत्तरी-पश्चिमी हिस्से में हुआ था।
✅ शक, कुषाण, और हूण अन्य विदेशी आक्रमणकारी थे, जो अलग-अलग समय पर भारत में आए थे।

28. भारत में सबसे पहले सोने के सिक्के किसने चलाए?
A) मौर्य
B) गुप्त
C) कुषाण
D) शक

उत्‍तर : (c) :    व्याख्या : गुप्त साम्राज्य के शासकों ने भारत में सबसे पहले सोने के सिक्के चलाए। समुद्रगुप्त और चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने अपने शासनकाल के दौरान सोने के सिक्के प्रचलित किए, जो उनके सम्राज्य की समृद्धि और शक्ति को दर्शाते थे। इन सिक्कों पर शासक के चित्र और धार्मिक प्रतीक होते थे।
✅ मौर्य, कुषाण, और शक साम्राज्य में सोने के सिक्के गुप्त साम्राज्य के बाद प्रचलित हुए।

29. कनिष्क के दरबार में किस बौद्ध विद्वान ने चौथी बौद्ध सभा आयोजित की थी?
A) नागार्जुन
B) वसुमित्र
C) बुद्धघोष
D) अश्वघोष

उत्‍तर : (b) :    व्याख्या : कनिष्क के दरबार में वसुमित्र नामक बौद्ध विद्वान ने चौथी बौद्ध सभा आयोजित की थी। यह सभा कश्मीर के पेशावर में आयोजित की गई थी और इसका मुख्य उद्देश्य बौद्ध धर्म के विभिन्न सिद्धांतों को एकत्रित करना और धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए एक सामान्य दिशा तय करना था।
✅ नागार्जुन, बुद्धघोष, और अश्वघोष बौद्ध धर्म के महत्वपूर्ण विद्वान थे, लेकिन चौथी बौद्ध सभा वसुमित्र ने आयोजित की थी।

30. अश्वघोष किस शासक के दरबार से संबंधित थे?
A) अशोक
B) कनिष्क
C) समुद्रगुप्त
D) स्कंदगुप्त

उत्‍तर : (b) :    व्याख्या : अश्वघोष कनिष्क के दरबार से संबंधित थे। वह एक प्रसिद्ध बौद्ध कवि और दार्शनिक थे, जिन्होंने बौद्ध धर्म के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अश्वघोष ने बौद्ध धर्म के सिद्धांतों को अपनी रचनाओं के माध्यम से प्रस्तुत किया और उन्हें एक महान बौद्ध धार्मिक नेता के रूप में मान्यता प्राप्त हुई।
✅ अशोक, समुद्रगुप्त, और स्कंदगुप्त के दरबार से अश्वघोष का कोई संबंध नहीं था।

31. किस विदेशी आक्रमणकारी ने भारत में शासन करने की बजाय लौट जाना बेहतर समझा?
A) कनिष्क
B) तोरमाण
C) सिकंदर
D) मिहिरकुल

उत्‍तर : (c) :    व्याख्या : सिकंदर ने भारत में शासन करने की बजाय लौट जाना बेहतर समझा। सिकंदर ने 326 ईसा पूर्व भारत में आक्रमण किया और पोरस से युद्ध के बाद भारतीय उपमहाद्वीप में अपनी सेना के थक जाने के कारण भारत से वापस लौटने का निर्णय लिया। उसकी सेना अब आगे बढ़ने के लिए तैयार नहीं थी, और उसे अपने सैनिकों को वापस लौटाने का निर्णय लेना पड़ा।
✅ कनिष्क, तोरमाण, और मिहिरकुल ने भारत में शासन किया या उनका प्रभाव था, जबकि सिकंदर ने अपने आक्रमण के बाद लौटना चुना।

32. शक शासक रुड्रदामन का नाम किस अभिलेख में मिलता है?
A) प्रयाग प्रशस्ति
B) जूनागढ़ शिलालेख
C) नासिक शिलालेख
D) एलोरा शिलालेख

उत्‍तर : (b) :    व्याख्या : शक शासक रुड्रदामन का नाम जूनागढ़ शिलालेख में मिलता है। यह शिलालेख गुजरात के जूनागढ़ में पाया गया था, और इसमें रुड्रदामन द्वारा किए गए कार्यों और उनके शासन के बारे में जानकारी दी गई है। जूनागढ़ शिलालेख का महत्वपूर्ण ऐतिहासिक मूल्य है क्योंकि इसमें गुप्त काल से पूर्व की महत्वपूर्ण घटनाओं का उल्लेख मिलता है।
✅ प्रयाग प्रशस्ति, नासिक शिलालेख, और एलोरा शिलालेख में रुड्रदामन का नाम नहीं मिलता।

33. यूनानी लेखकों में से कौन भारत यात्रा में सिकंदर के साथ था?
A) टॉलेमी
B) फॉक्सटेल
C) अर्रियन
D) मेगस्थनीज

उत्‍तर : (c) :    व्याख्या : अर्रियन (Arrian) एक यूनानी लेखक और इतिहासकार था, जो सिकंदर महान के साथ भारत यात्रा पर गया था। उसने सिकंदर के भारत आक्रमण और उसकी यात्रा पर आधारित अपनी पुस्तक “Anabasis of Alexander” लिखी, जिसमें सिकंदर के भारत में किए गए अभियानों का विस्तृत विवरण है।
✅ टॉलेमी, फॉक्सटेल, और मेगस्थनीज सिकंदर के साथ भारत यात्रा पर नहीं थे। हालांकि, मेगस्थनीज ने अपनी यात्रा के दौरान चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार का वर्णन किया, लेकिन वह सिकंदर के समय से कुछ बाद का व्यक्ति था।

34. भारत में आए यवन शासकों में से कौन प्रसिद्ध था?
A) मीनांडर
B) टॉलेमी
C) दारा
D) कंबोज

उत्‍तर : (a) :    व्याख्या : मीनांडर (Milinda) प्रसिद्ध यवन शासक था, जिसने भारतीय उपमहाद्वीप में अपने शासनकाल के दौरान बौद्ध धर्म को बढ़ावा दिया। मीनांडर की प्रसिद्धि मुख्य रूप से उसकी बौद्ध भिक्षु नागसेन के साथ हुई बहस के कारण है, जो “मिलिंद पन्हो” में दर्ज की गई है। यह ग्रंथ मीनांडर और नागसेन के बीच हुई संवादों का संग्रह है और बौद्ध धर्म के विचारों को समझाने में महत्वपूर्ण है।
✅ टॉलेमी, दारा, और कंबोज यवन शासक नहीं थे।

35. कनिष्क की प्रसिद्ध बौद्ध मूर्ति कला किस शैली से संबंधित है?
A) मथुरा शैली
B) गांधार शैली
C) अमरावती शैली
D) नागर शैली


उत्‍तर : (b) :    व्याख्या : कनिष्क की प्रसिद्ध बौद्ध मूर्ति कला गांधार शैली से संबंधित है। गांधार शैली में बौद्ध मूर्तियों का निर्माण हुआ था, जो भारतीय और यूनानी कला का मिश्रण थी। इस शैली की मूर्तियाँ विशेष रूप से सिकंदर के बाद के यवन प्रभाव से प्रभावित थीं और इनमें परिष्कृत आकार, शारीरिक बनावट और हellenistic तत्व देखने को मिलते थे।
✅ मथुरा शैली, अमरावती शैली, और नागर शैली अलग-अलग क्षेत्रों और कालों की कला शैलियाँ हैं, लेकिन कनिष्क के समय की मूर्तियाँ गांधार शैली से संबंधित हैं।


विदेशी आक्रमण – प्रश्नोत्तरी उत्तर विवरण सहित


यूनानी आक्रमण

  1. 326 ई.पू. – सिकंदर ने पोरस से झेलम नदी (Hydaspes) के किनारे युद्ध किया था, जो 326 ई.पू. में हुआ था।
  2. पोरस – पोरस पौरव वंश का राजा था और उसने सिकंदर के विरुद्ध वीरता से युद्ध किया।
  3. झेलम नदी के किनारे – पोरस और सिकंदर का युद्ध झेलम नदी के किनारे लड़ा गया जिसे ‘Hydaspes’ युद्ध कहा जाता है।
  4. मकदूनिया – सिकंदर मकदूनिया (Macedonia) का शासक था, जो यूनान का एक हिस्सा था।
  5. पंजाब – सिकंदर की विजय का विस्तार पंजाब तक सीमित था; वह गंगा की ओर नहीं बढ़ सका।
  6. बैबिलोन – भारत से लौटने के बाद सिकंदर की मृत्यु बैबिलोन (इराक) में 323 ई.पू. में हुई।
  7. विश्व विजय – सिकंदर का उद्देश्य पूरे ज्ञात विश्व को जीतना था, भारत उसकी अंतिम सीमा मानी जाती है।
  8. पोरस – पोरस ने साहसपूर्वक मुकाबला किया, लेकिन अंततः पराजित हुआ।
  9. 1 वर्ष – सिकंदर भारत में लगभग एक वर्ष तक रहा और फिर लौट गया।
  10. वापस लौट गई – भारतीय सैनिकों के प्रतिरोध और थकान के कारण सिकंदर की सेना ने आगे बढ़ने से मना कर दिया और लौट गई।

शक, कुषाण और हूण आक्रमण

  1. यूनानी – भारत पर सबसे पहले यूनानी (सिकंदर) ने आक्रमण किया।
  2. कुषाण – कनिष्क कुषाण वंश का सबसे महान शासक था, जिसने बौद्ध धर्म को संरक्षण दिया।
  3. बौद्ध – कनिष्क बौद्ध धर्म का संरक्षक था और उसने चौथी बौद्ध सभा करवाई।
  4. उज्जैन – शक शासकों का एक प्रमुख केंद्र उज्जैन था।
  5. पुरुषपुर – कनिष्क की राजधानी पुरुषपुर (वर्तमान पेशावर, पाकिस्तान) थी।
  6. तोरमाण – हूणों में तोरमाण पहला आक्रमणकारी था, जिसने भारत में तबाही मचाई।
  7. स्कंदगुप्त – स्कंदगुप्त ने हूणों को कई बार हराया और गुप्त साम्राज्य की रक्षा की।
  8. दूसरी सदी ई. – कनिष्क का शासन दूसरी सदी ईस्वी के आसपास माना जाता है।
  9. पश्चिमोत्तर भारत – शक और कुषाणों का शासन पश्चिमोत्तर भारत में मजबूत था, जहाँ से उन्होंने विस्तार किया।
  10. गुप्त काल – हूणों का आक्रमण गुप्त काल के दौरान हुआ जिससे साम्राज्य कमजोर हो गया।

प्राचीन भारत के इतिहास में विदेशी आक्रमणविविध प्रश्न

  1. बौद्ध धर्म – विदेशी शासकों जैसे कनिष्क के कारण बौद्ध धर्म का प्रसार हुआ।
  2. यवन – यूनानियों को भारत में यवन कहा जाता था।
  3. कुषाण – सोने के सिक्कों की शुरुआत भारत में कुषाणों ने की थी, विशेषकर कनिष्क के समय।
  4. वसुमित्र – कनिष्क के काल में वसुमित्र की अध्यक्षता में चौथी बौद्ध सभा हुई थी।
  5. कनिष्क – अश्वघोष कनिष्क के दरबार में थे और उन्होंने बौद्ध ग्रंथों की रचना की।
  6. सिकंदर – सिकंदर ने भारत में आगे बढ़ने की बजाय लौटने का निर्णय लिया क्योंकि उसकी सेना थक चुकी थी।
  7. जूनागढ़ शिलालेख – शक शासक रुड्रदामन की उपलब्धियाँ जूनागढ़ अभिलेख में वर्णित हैं।
  8. अर्रियन – अर्रियन एक यूनानी इतिहासकार था, जिसने सिकंदर की यात्रा का विवरण लिखा।
  9. मीनांडर – मीनांडर (या मिलिंद) एक यवन राजा था, जो बौद्ध धर्म का अनुयायी बना।
  10. गांधार शैली – कनिष्क के समय बौद्ध मूर्तियों में गांधार शैली विकसित हुई, जो यूनानी प्रभाव से प्रेरित थी।

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