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हमार उद्देश्य है कि आप बिना नोट्स पढ़े इन प्रश्नों के उत्तर की व्याख्या को पढ़ कर पूरे नोट्स का रिवीजन कर सकते है ।
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यह शैव और भागवत धर्म MCQ क्विज़ in HIndi प्राचीन भारत के दो प्रमुख धार्मिक आंदोलनों—शैव संप्रदाय और भागवत धर्म—के महत्वपूर्ण पहलुओं पर आधारित है। इस क्विज़ में शिव पूजा, भगवान विष्णु के भक्तिपरक आंदोलन, धार्मिक ग्रंथ, सांस्कृतिक प्रभाव, और दोनों संप्रदायों के इतिहास से जुड़े वस्तुनिष्ठ प्रश्न शामिल हैं। यह क्विज़ UPSC History Quiz in Hindi, SSC, राज्य स्तरीय PCS History Quiz in Hindi, TGT/PGT History Quiz in Hindi CTET Exam Quiz, और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए खास तौर पर तैयार किया गया है ताकि परीक्षा की तैयारी में आपकी मदद कर सके। इस क्विज़ के माध्यम से आप शैव व भागवत धर्म के दर्शन, प्रतीक, और धार्मिक प्रथाओं की गहरी समझ प्राप्त कर सकते हैं।
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1. निम्नलिखित में से कौन-सा प्राचीन भारत में शैव संप्रदाय था ?
(a) आजीवक मयमत
(b) मत्तमयूर
(d) भागवत
(c) वैष्णव
उत्तर : (b) :
व्याख्या : संक्षिप्त विवरण:
•मत्तमयूर संप्रदाय प्राचीन भारत में एक प्रमुख शैव संप्रदाय था।
•इस संप्रदाय का उदय कर्नाटक और मध्य भारत में हुआ।
•यह संप्रदाय विशेष रूप से योग और तंत्र साधना से जुड़ा हुआ था।
•इस संप्रदाय के गुरु और अनुयायी शैव धर्म के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते थे, जिसमें भक्ति, ध्यान और तांत्रिक साधनाएँ शामिल थीं।
•गुर्जर-प्रतिहार शासकों के संरक्षण में इस संप्रदाय का काफी विकास हुआ।
2. अर्धनारीश्वर मूर्ति में आधा शिव तथा आधा पार्वती प्रतीक है-
(a) पुरुष और नारी का योग
(b) देवता और देवी का योग
(c) देव और उसकी शक्ति का योग
(d) उपरोक्त किसी का नहीं
उत्तर : (c) :
व्याख्या : विवरण:
अर्धनारीश्वर मूर्ति में भगवान शिव और देवी पार्वती का संयोजन दर्शाया गया है, जहां भगवान शिव का आधा रूप और देवी पार्वती का आधा रूप एक साथ होते हैं। यह मूर्ति देव और उसकी शक्ति का योग प्रस्तुत करती है, क्योंकि शिव को निराकार और शाश्वत ऊर्जा के रूप में देखा जाता है, और पार्वती को उसकी शक्ति या शक्ति के रूप में।
यह दर्शाता है कि भगवान शिव और देवी पार्वती एक-दूसरे के अभिन्न अंग हैं, और उनका संबंध एक दूसरे के बिना अधूरा है।
3. सूची-I तथा सूची-II को सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर चुनिए-
सूची-I | सूची-II |
A. जैन धर्म | 1. मदीना |
B. हिंदू धर्म | 2. वेटिकन |
C. इस्लाम धर्म | 3. पावापुरी |
D. ईसाई धर्म | 4. वाराणसी |
कूट :ABCD
(a) 2314
(b)1243
(c)3412
(d) 3142
उत्तर : (a) :
व्याख्या :
विवरण:
•A. जैन धर्म – 3. पावापुरी (यह जैन धर्म का महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, जहाँ महावीर स्वामी की मृत्यु हुई थी।)
•B. हिंदू धर्म – 4. वाराणसी (वाराणसी, जिसे काशी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।)
•C. इस्लाम धर्म – 1. मदीना (मदीना, इस्लाम धर्म का एक पवित्र शहर है, जहाँ पैगंबर मुहम्मद का अंतिम प्रवास हुआ।)
•D. ईसाई धर्म – 2. वेटिकन (वेटिकन, रोम में स्थित है, यह ईसाई धर्म का केंद्र और पोप का निवास स्थान है।)
4. नयनार कौन थे?
(a) शैव
(b) शाक्त
(c) वैष्णव
(d) सूर्योपासक
उत्तर : (a) : व्याख्या : नयनार शैव भक्तों का एक समूह था, जो दक्षिण भारत, विशेषकर तमिलनाडु में सक्रिय थे। ये 63 महान शैव संत थे, जिन्होंने भगवान शिव की भक्ति और पूजा के माध्यम से धर्म का प्रचार किया। नयनार संतों का योगदान “तिरुवाच्च” नामक भक्ति गीतों में है, जो भगवान शिव की महिमा का गान करते हैं। इनकी भक्ति और शिक्षाएं शैव धर्म के प्रचार और प्रसार में महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।
5. भागवत संप्रदाय के विकास में किसका देन अत्यधिक था?
(a) पार्थियन
(C) कुषाण
(b) हिंद-यूनानी लोग
(d) गुप्त
उत्तर : (c) : व्याख्या : भागवत संप्रदाय का विकास मुख्य रूप से कुषाण साम्राज्य के दौरान हुआ था। कुषाण सम्राटों, विशेष रूप से कनिष्क के समय में, हिंदू धर्म में विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा को बढ़ावा दिया गया था। इस दौरान विष्णु और उनके अवतारों की पूजा को एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रवृत्ति के रूप में स्थापित किया गया, और यही विकास भागवत संप्रदाय की नींव बना। कुषाण काल में भागवत धर्म को संस्थागत रूप से महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त हुआ और इसके अनुयायी बढ़े।
6. भागवत धर्म के प्रवर्तक थे-
(a) जनक
(C) याज्ञवल्क्य
(b) कृष्ण
(d) सूरदास
उत्तर : (b) : व्याख्या : भागवत धर्म का मुख्य प्रवर्तक भगवान कृष्ण को माना जाता है। भागवत धर्म भगवान कृष्ण के भक्तिवाद पर आधारित है और उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं, उनके उपदेश और उनके लीला को श्रद्धा से देखा जाता है। भागवत धर्म का प्रमुख ग्रंथ भागवतमहापुराण है, जिसमें भगवान कृष्ण की पूजा और उनके अवतारों की महिमा का विस्तार से वर्णन किया गया है।
7. वासुदेव कृष्ण की पूजा सर्वप्रथम किसने प्रारंभ की ?
(a) भागवतों ने
(b) वैदिक आर्यों ने
(c) तमिलों ने
(d) आभीरों ने
उत्तर : (a) : व्याख्या : वासुदेव कृष्ण की पूजा सर्वप्रथम भागवतों ने प्रारंभ की थी। भागवत संप्रदाय के अनुयायी भगवान कृष्ण को सर्वोत्तम देवता मानते थे और उनका ध्यान व पूजा करते थे। कृष्ण की पूजा की शुरुआत दक्षिण भारत में हुई थी, जहां भागवतों ने कृष्ण की उपासना को प्रमुखता दी। इसके बाद यह पूजा धीरे-धीरे उत्तर भारत और अन्य क्षेत्रों में भी फैल गई।
8. भागवत संप्रदाय में भक्ति के रूपों की संख्या है-
(a) 7
(b) 8
(c) 9
(d) 10
उत्तर : (b) :
व्याख्या : भागवत संप्रदाय में भक्ति के 8 प्रमुख रूप माने जाते हैं। ये आठ रूप हैं:
1.श्रवण (सुनना) – भगवान के नाम और गुणों का श्रवण करना।
2.कीर्तन (गाना) – भगवान के नाम का कीर्तन या भजन करना।
3.स्मरण (याद करना) – भगवान के नाम और रूप का स्मरण करना।
4.पादसेवन (पैर धोना) – भगवान के चरणों की पूजा करना।
5.अर्चन (पूजा करना) – भगवान की पूजा अर्चना करना।
6.वंदन (प्रणाम करना) – भगवान के सामने नतमस्तक होकर पूजा करना।
7.दास्य (सेवा) – भगवान को अपना स्वामी मानकर सेवा करना।
8.साख्य (सखा भाव) – भगवान को मित्र मानकर उनका सखा बनना।
इन आठ भक्ति रूपों के माध्यम से भक्त भगवान के प्रति अपनी निष्ठा और प्रेम व्यक्त करते हैं।
9. भागवत धर्म से संबंधित प्राचीनतम अभिलेखीय साक्ष्य है-
(a) समुद्रगुप्त का इलाहाबाद अभिलेख
(b) हेलियोडोरस का बेसनगर अभिलेख
(c) स्कंदगुप्त का भितरी स्तंभलेख
(a) महरौली स्तंभ अभिलेख
उत्तर : (b) : व्याख्या : हेलियोडोरस का बेसनगर अभिलेख (c. 150 ईसा पूर्व) भागवत धर्म से संबंधित प्राचीनतम अभिलेखीय साक्ष्य है। यह अभिलेख हेलियोडोरस द्वारा निर्मित किया गया था, जो एक ग्रीक दूत था और उसने अपने सम्राट अशोक के दरबार में काम किया था। इस अभिलेख में हेलियोडोरस ने वासुदेव (भगवान श्री कृष्ण) की पूजा को सम्मानित किया है और इसे एक धार्मिक संप्रदाय के रूप में उल्लेखित किया है। यह अभिलेख इस बात का प्रमाण है कि उस समय के ग्रीक लोगों में भागवत धर्म और भगवान कृष्ण की पूजा का प्रभाव था।
10. ‘बेसनगर अभिलेख’ का हेलियोडोरस कहां का निवासी था
(a) पुष्कलावती
(b) तक्षशिला
(c) साकल
(d) मथुरा
(c) साकल
उत्तर : (c) : व्याख्या : हेलियोडोरस, जो कि साकल (वर्तमान में सियालकोट, पाकिस्तान) का निवासी था, एक ग्रीक राजदूत था, जो वसुदेव कृष्ण की पूजा करता था। बेसनगर अभिलेख में उसने अपने द्वारा स्थापित एक व्यास मंदिर का वर्णन किया है, जिसमें उसने भगवान कृष्ण को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अभिलेख से यह भी पता चलता है कि वह ग्रीक और भारत की धार्मिक परंपराओं के बीच एक पुल का कार्य करता था।
11. विष्णु के किस अवतार को सागर से पृथ्वी का उद्धार करते हुए अंकित किया जाता है?
(a) कच्छप
(b) मत्स्य
(c) बाराह
(d) नृसिंह
उत्तर : (b) : व्याख्या : विष्णु के मत्स्य अवतार को सागर से पृथ्वी का उद्धार करते हुए अंकित किया जाता है। इस अवतार में विष्णु ने एक मछली (मत्स्य) का रूप लिया और एक प्रचंड जलप्रलय के समय वे वेदों को और संतों को लेकर एक नौका पर सवार हो गए। इस अवतार के माध्यम से पृथ्वी और जीवन को बचाया गया।
12. भारत में आस्तिक और नास्तिक संप्रदायों में कौन-सा विभेदक लक्षण है?
(a) ईश्वरी सत्ता में आस्था
(b) पुनर्जन्म के सिद्धांत में आस्था
(c) वेदों की प्रामाणिकता में आस्था
(d) स्वर्ग तथा नरक की सत्ता में विश्वास
उत्तर : (a) : व्याख्या : भारत में आस्तिक और नास्तिक संप्रदायों के बीच विभेदक लक्षण मुख्य रूप से ईश्वरी सत्ता में आस्था है। आस्तिक संप्रदाय ईश्वर की सत्ता में विश्वास रखते हैं, जबकि नास्तिक संप्रदाय ईश्वर के अस्तित्व को नकारते हैं। इस तरह से यह दोनों संप्रदाय एक-दूसरे से भिन्न होते हैं।
13. निम्नलिखित में से कौन मोक्ष के साधन के रूप में जन्म, कर्म तथा भक्ति को समान महत्व देता है?
(a) अद्वैत वेदांत
(b) विशिष्टाद्वैतवाद वेदांत
(C) भगवदगीता
(d) मीमांसा
उत्तर : (c) :
व्याख्या : भगवदगीता में मोक्ष (मुक्ति) के साधन के रूप में जन्म, कर्म और भक्ति को समान महत्व दिया गया है। भगवदगीता में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को यह समझाया कि कर्म, भक्ति और ज्ञान तीनों के माध्यम से मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। भक्ति को विशेष रूप से महत्वपूर्ण बताया गया है, लेकिन अन्य साधन भी इसके साथ जुड़ते हैं।
अद्वैत वेदांत और विशिष्टाद्वैतवाद वेदांत मुख्य रूप से ज्ञान पर केंद्रित होते हैं, जबकि मीमांसा कर्मकांड और वेदों के पालन पर जोर देती है।
14.अधोलिखित में से कौन एक गीता की मुख्य शिक्षा है?
(a) कर्मयोग
(b) अस्पर्श योग
(c) भक्तियोग
(b) ज्ञानयोग
(e) निष्काम कर्मयोग
उत्तर : (e) : व्याख्या : भगवदगीता में निष्काम कर्मयोग की मुख्य शिक्षा दी गई है। इसका अर्थ है, बिना किसी फल की इच्छा के कर्म करना। श्री कृष्ण ने अर्जुन को यह उपदेश दिया कि हमें अपने कर्तव्यों को निभाते हुए निष्काम भाव से कार्य करना चाहिए, और परिणाम की चिंता नहीं करनी चाहिए। हालांकि, कर्मयोग, भक्तियोग और ज्ञानयोग भी गीता के महत्वपूर्ण भाग हैं, लेकिन निष्काम कर्मयोग को सबसे प्रमुख शिक्षा माना जाता है।
15. वह प्राचीन स्थल जहां 60,000 मुनियों की सभा में संपूर्ण महाभारत-कथा का वाचन किया गया था, है –
(a) अहिच्छत्र
(b) हस्तिनापुर
(c) काम्पिल्य
(d) नैमिषारण्य
उत्तर : (d) : व्याख्या : नैमिषारण्य वह प्राचीन स्थल था जहां पर 60,000 मुनियों की सभा में महाभारत कथा का वाचन किया गया था। यह स्थल विशेष रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, और इसे वेदों और पुराणों के अध्ययन का प्रमुख केंद्र माना जाता है। यहाँ की सभा में महर्षि व्यास ने महाभारत के अद्भुत और विशाल ग्रंथ का पाठ किया।
16. रामायण के किस कांड में राम और हनुमान की पहली भेंट का वर्णन है?
(a) किष्किन्धा कांड
(b) सुंदर कांड
(c) बील कांड
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर : (a) : व्याख्या : राम और हनुमान की पहली भेंट किष्किन्धा कांड में होती है। जब राम और लक्ष्मण अपनी पत्नी सीता की खोज में वन में यात्रा कर रहे थे, तो उन्हें हनुमान से पहली बार किष्किन्धा में मिलने का अवसर मिलता है। इस कांड में हनुमान ने राम के साथ अपनी मित्रता स्थापित की और उन्हें सीता के बारे में जानकारी दी।
17. कालिका पुराण किस धर्म से संबंधित है?
(a) वैष्णव
(b) शाक्त
(c) बौद्ध
(d) जैन
उत्तर : (b) : व्याख्या : कालिका पुराण शाक्त धर्म से संबंधित है और यह विशेष रूप से देवी कालिका की पूजा पर आधारित है। इसमें देवी शक्ति के विभिन्न रूपों और उनकी पूजा विधियों का वर्णन किया गया है। यह पुराण शाक्त मत के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण है।
18. पुरी में ‘रथयात्रा’ किसके सम्मान में निकाली जाती है?
(a) भगवान राम के
(b) भगवान विष्णु के
(c) भगवान जगन्नाथ के.
(d) भगवान शिव के
उत्तर : (c) : व्याख्या : पुरी में ‘रथयात्रा’ भगवान जगन्नाथ के सम्मान में निकाली जाती है। यह यात्रा खासकर ओडिशा के पुरी में हर वर्ष आयोजित की जाती है, जिसमें भगवान जगन्नाथ, उनकी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र को रथों पर बैठाकर विभिन्न स्थानों पर ले जाया जाता है। यह यात्रा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण उत्सव है।
19. नासिक में कुंभ मेला निम्न में किस एक नदी के तट पर लगता है-
(a) ताप्ती नदी
(b) नर्मदा नदी
(c) कोयना नदी
(d) गोदावरी नदी
उत्तर : (d) : व्याख्या : नासिक में कुंभ मेला गोदावरी नदी के तट पर लगता है। यह मेला हर बारह वर्ष में एक बार आयोजित होता है और हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है। कुंभ मेला में लाखों श्रद्धालु पवित्र नदी में स्नान करने आते हैं, यह माना जाता है कि इस स्नान से उनके पापों का नाश होता है और वे मोक्ष प्राप्त करते हैं।
20. सूची-I तथा सूची-II को सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर चुनिए-
सूची-I | सूची-II |
A. जैन धर्म | 1. मदीना |
B. हिंदू धर्म | 2. वेटिकन |
C. इस्लाम धर्म | 3. पावापुरी |
D. ईसाई धर्म | 4. वाराणसी |
कूट :ABCD
(a) 2314
(b)1243
(c)3412
(d) 3142
उत्तर : (a) :
व्याख्या :
विवरण:
•A. जैन धर्म – 3. पावापुरी (यह जैन धर्म का महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, जहाँ महावीर स्वामी की मृत्यु हुई थी।)
•B. हिंदू धर्म – 4. वाराणसी (वाराणसी, जिसे काशी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।)
•C. इस्लाम धर्म – 1. मदीना (मदीना, इस्लाम धर्म का एक पवित्र शहर है, जहाँ पैगंबर मुहम्मद का अंतिम प्रवास हुआ।)
•D. ईसाई धर्म – 2. वेटिकन (वेटिकन, रोम में स्थित है, यह ईसाई धर्म का केंद्र और पोप का निवास स्थान है।)
FAQs
शैव धर्म के किस रूप की पूजा ‘लिंग’ के माध्यम से होती है?
निराकार रूप – शिवलिंग के रूप में।
नटराज की मूर्ति किस बात का प्रतीक मानी जाती है?
सृष्टि, पालन और संहार का त्रिविध रूप।
शैव धर्म का सबसे पुराना साहित्यिक स्रोत कौन-सा है?
श्वेताश्वतर उपनिषद।
तमिलनाडु में शैव भक्ति आंदोलन के प्रमुख संत कौन थे?
नायनार संत – जैसे अप्पर, तिरुनावकरसर, सुंदरर।
शैव सिद्धांत किस क्षेत्र में विशेष रूप से लोकप्रिय रहा?
दक्षिण भारत – विशेष रूप से तमिलनाडु में।
भागवत धर्म का मुख्य आराध्य कौन होता है?
विष्णु/कृष्ण को – विशेषकर कृष्ण को भगवान के रूप में।
भागवत धर्म किस वेद से जुड़ा हुआ माना जाता है?
शुक्ल यजुर्वेद के साथ – भगवत पुराण में इसका विशेष विवरण है।
भागवत धर्म का मूल संदेश क्या था?
भक्ति द्वारा मोक्ष की प्राप्ति – कर्मकांड का विरोध।
किस काल में भागवत धर्म की लोकप्रियता सबसे अधिक रही?
गुप्त काल – कृष्ण की पूजा का विकेंद्रीकरण हुआ।
उत्तर भारत में भागवत धर्म के प्रचार में किस भक्ति संत का प्रमुख योगदान रहा?
सूरदास, मीरा बाई, चैतन्य महाप्रभु।
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