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पाषाण युग MCQ Quiz
1. प्रागैतिहासिक से तात्पर्य है-
(a) आद्य इतिहास
(b) इतिहास
(c) वह इतिहास जिसके संबंध में कोई लिखित विवरण उपलब्ध नहीं है
(d) ऐसा इतिहास जो पुरातात्विक व साहित्यिक दोनों आधार पर लिखा गया हों।
उत्तर : (c) : व्याख्या प्रागैतिहासिक/पाषाण काल (Prehistoric) से तात्पर्य उस समय से है जब मानव सभ्यता विकसित हो रही थी, लेकिन लिखने की कला (लिपि) का आविष्कार नहीं हुआ था। इस काल की जानकारी हमें पुरातात्विक (archaeological) साक्ष्यों जैसे – पत्थर और धातु के औजार, गुफा चित्र, हड्डियाँ, मिट्टी के बर्तन, और अन्य अवशेषों से मिलती है। प्रागैतिहासिक काल को ‘प्रस्तर युग’ भी कहते हैं। प्रागैतिहासिक काल का अर्थ -‘इतिहास से पूर्व का युग’।
2. रॉबर्ट ब्रूस निम्नलिखित में से किसके लिए प्रसिद्ध थे?
(a) भूगर्भ-विज्ञान
(b) फिजियोग्राफी
(c) पुरावनस्पति अध्ययन
(d) ऐतिहासिक लेखन
उत्तर (a) : रॉबर्ट ब्रूस फुट (Robert Bruce Foote) एक प्रसिद्ध भूगर्भ-वैज्ञानिक (geologist) और पुरातत्वविद थे। उन्होंने भारत में पाषाण युग (Stone Age) के अवशेषों की खोज की और भारतीय प्रागैतिहासिक काल के अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
मुख्य योगदान:
हैंडऐक्स (Hand Axe) की खोज- 1863 में उन्होंने तमिलनाडु के पल्लावरम क्षेत्र में पाषाण युग के औजारों (हैंडऐक्स) की खोज की, जिससे भारत के प्राचीन मानव इतिहास का अध्ययन शुरू हुआ। दक्कन ट्रैप का अध्ययन – उन्होंने भारत की भूगर्भीय संरचना (geological structure) का गहराई से अध्ययन किया।3. अन्न उत्पादक स्थल मेहरगढ़ (प्रागैतिहासिक) कहां अवस्थित है
(a) घग्गर नदी के तट पर
(b) कच्छ के रन के पूर्वी भाग में
(c) झेलम नदी के किनारे
(d) पश्चिमी बलूचिस्तान में
उत्तर : (d) : व्याख्या मेहरगढ़ एक प्राचीन अन्न उत्पादक स्थल है, जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान क्षेत्र में स्थित है। यह स्थल चिनाब और सिंधु नदियों के मध्य स्थित है, और पश्चिमी पाकिस्तान के कच क्षेत्र में किली ग़ुल मोहम्मद के पास मेहरगढ़ के अवशेष पाए गए हैं।
4. ताम्र संचय का संबंध है-
(a) चमकीले लाल मृदभांड से
(b) गैरिक मृदभांड से
(c) चित्रित घूसर मृदभांड से
(d) काले और लाल मृदभांड से
उत्तर : (d) : व्याख्या ताम्र संचय का संबंध काले और लाल मृदभांड से है, जो प्राचीन सभ्यताओं के दौरान कृषि और धातु संचय की प्रक्रिया को दर्शाते हैं। इन मृदभांडों का उपयोग गृहस्थी और धातु उत्पादन में होता था, और ये ताम्र युग के प्रमुख अवशेषों में से एक माने जाते हैं। इन मृदभांडों से यह पता चलता है कि ताम्र युग के लोग पाषाण से ताम्र की ओर बदल रहे थे, और उनका जीवन व्यवस्थित हो रहा था।
5. नवदाटोली किस राज्य में अवस्थित है ?
(a) गुजरात
(b) महाराष्ट्र
(c) छत्तीसगढ़
(d) मध्य प्रदेश
उत्तर : (d) : व्याख्या नवदाटोली मध्यप्रदेश राज्य के राजगढ़ जिले में स्थित है। यह स्थल प्राचीन महापाषाण संस्कृति (Megalithic Culture) से संबंधित है, जहां महापाषाण काल के अवशेष पाए गए हैं। नवदाटोली में विभिन्न प्रकार के महापाषाण समाधि स्थल और अन्य पुरातात्विक साक्ष्य मिले हैं, जो इस क्षेत्र की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति को दर्शाते हैं।
6. वृहत्पाषाण स्मारकों की पहचान की गई है-
(a) संन्यासी गुफाओं के रूप में
(b) मृतक को दफनाने के स्थान के रूप में
(c) मंदिर के रूप में
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर : (b) :
व्याख्या वृहत्पाषाण स्मारकों (Megalithic Monuments) की पहचान भारत के विभिन्न हिस्सों में की गई है, विशेष रूप से दक्षिण भारत, मध्य भारत, और उत्तर-पूर्व भारत में। इन स्मारकों में बड़े पत्थरों (महापाषाण) का उपयोग कर संरचनाएं बनाई जाती थीं, जिनमें समाधि स्थल, स्तूप और अन्य धार्मिक या सांस्कृतिक स्थल शामिल हैं।
वृहत्पाषाण स्मारक के प्रकार:
1.महापाषाण समाधि स्थल– जहां मृतकों को बड़े पत्थरों के ढांचे में दफनाया जाता था।
2.स्मारक और स्तूप– धार्मिक उद्देश्य से बनाए गए स्तूप और अन्य संरचनाएं।
3.मिनी-स्टोन सर्कल– छोटे पत्थरों की गोलाई में बनी संरचनाएं।
इन स्मारकों से यह पता चलता है कि महापाषाण काल में लोग धर्म, मृत्यु और अनुष्ठान से संबंधित विभिन्न विश्वासों के आधार पर इन संरचनाओं का निर्माण करते थे।
7. मानव को आग की जानकारी हुई-
(a) नव पाषाण काल में
(b) उच्च पुरापाषाण काल में
(c) निम्न पुरापाषाण काल में
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर : (a) : व्याख्या मानव ने नव पाषाण काल (Neolithic period) में आग का जागरूक रूप से उपयोग करना शुरू किया था। इस काल में, उसने आग को पकाने, ताप, और सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया। हालांकि, पुरापाषाण काल में आग का प्राकृतिक रूप से उपयोग हुआ था, लेकिन नव पाषाण काल में मानव ने इसे निर्धारित तरीके से जलाना सीख लिया, जैसे चकमक पत्थर से आग उत्पन्न करना।
8. बेलन घाटी के प्राप्त औजार संबंधित हैं-
(a) वैदिक संस्कृति से
(c) हड़प्पा काल से
(b) मध्य पाषाण काल से
(d) उपर्युक्त में से काई नहीं
उत्तर : (d) : व्याख्या बेलन घाटी (जो मध्यप्रदेश में स्थित है) में पुरापाषाण काल (Paleolithic Age) के औजार पाए गए हैं। यहां पर पाए गए पत्थर के औजार जैसे हाथ के औजार, चाकू और ब्लेड प्राचीन मानव के शिकार और जीविका के लिए उपयोग किए जाते थे। इन औजारों से यह स्पष्ट होता है कि बेलन घाटी में प्राचीन मानव ने पत्थर के औजारों का विकसित रूप अपनाया था, जो पुरापाषाण युग के अंतिम चरण के समय का हिस्सा थे।
9. भीमबेटका किसके लिए प्रसिद्ध है ?
(a) गुफाओं के शैल के चित्र
(b) खनिज
(c) बौद्ध प्रतिमाएं
(d) सोन नदी का उपागम स्थल
उत्तर : (a) : व्याख्या भीमबेटका मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित एक प्राचीन स्थल है, जो शैलचित्रों (rock paintings) और शैलाश्रयों (rock shelters) के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पर पुरापाषाण काल (Paleolithic period) से लेकर आधुनिक काल तक के चित्र मिले हैं, जो प्राचीन मानव सभ्यता के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं।
10. निम्न में से कौन-सा स्थल प्रागैतिहासिक चित्रकला के लिए प्रसिद्ध है ?
(a) अजंता
(b) भीमबेटका
(c) बाघ
(d) अमरावती
उत्तर : (b) : व्याख्या भीमबेटका मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित एक प्राचीन स्थल है, जो प्रागैतिहासिक चित्रकला के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की गुफाओं में पुरापाषाण काल से लेकर मध्यकाल तक के शैलचित्र पाए गए हैं, जो प्राचीन मानव के जीवन, शिकार, पशु-पक्षी, युद्ध और समाजिक गतिविधियों को दर्शाते हैं। इन चित्रों में मुख्य रूप से गेरुआ, लाल और सफेद रंगों का प्रयोग किया गया था। भीमबेटका की गुफाएं प्राचीन मानव सभ्यता और कला के महत्वपूर्ण प्रमाण मानी जाती हैं।
11. निम्नलिखित में से किस स्थल से मानव कंकाल के साथ कुत्ते का कंकाल भी शवाधान से प्राप्त हुआ है?
(a) ब्रम्हगिरि
(b) बुर्जहोम
(c) चिरांद
(d) मास्की
उत्तर : (b) : व्याख्या बुर्जहोम (Burzhom) जम्मू और कश्मीर राज्य में स्थित एक प्राचीन स्थल है, जहां नवपाषाण काल (Neolithic period) के मानव कंकालों के साथ कुत्ते का कंकाल भी शवाधान से प्राप्त हुआ था। यह खोज इस बात का संकेत देती है कि प्राचीन मानव ने कुत्तों को पालतू जानवर के रूप में पाला था और उनके साथ सामाजिक और धार्मिक संबंध थे। यह साक्ष्य प्राचीन मानव समाज और उनके जीवन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।
12. निम्नलिखत में से किस स्थान पर मानव के साथ कुत्ते को दफनाए जाने का साक्ष्य मिला है?
(a) बुर्जहोम
(b) कोलडिहवा
(c) चोपानी-मांडो
(d) मांडो
उत्तर : (a) : व्याख्या प्रश्न संख्या 13 देंखे
13. गर्त आवास के साक्ष्य प्राप्त हैं ?
(a) संगनकल्लू से
(b) कोलडिहवा
(c) मांडो
(d) बुर्जहोम
उत्तर : (d) : व्याख्या बुर्जहोम (Burzhom) जम्मू और कश्मीर में स्थित एक महत्वपूर्ण प्राचीन स्थल है, जहाँ गर्त आवास (pit dwellings) के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। यहाँ नवपाषाण काल के मानव कंकालों और उनके साथ पालतू कुत्ते के कंकाल भी मिले थे। गर्त आवास का मतलब है, भूमिगत या गड्ढे जैसी संरचनाओं में रहने का तरीका, जिसे प्राचीन मानव ने ठंड से बचने के लिए अपनाया था। यह स्थल प्राचीन मानव सभ्यता के विकास और उनके आवासीय तरीके को समझने में महत्वपूर्ण है।
14. भीमबेटका का संबंध है-
(a) एक पत्तन स्थल
(b) एक व्यापारिक स्थल
(c) एक प्रागैतिहासिक स्थल जहां से चित्रकला के साक्ष्य प्राप्त हुए
(d) एक प्रागैतिहासिक स्थल जहां से लिखित साक्ष्य प्राप्त हुए हैं
उत्तर : (c) : व्याख्या : भीमबेटका मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित एक प्राचीन स्थल है, जो प्रागैतिहासिक चित्रकला (Paleolithic Rock Paintings) के लिए प्रसिद्ध है। यहां की गुफाओं में प्राचीन शैलचित्र (rock paintings) पाए गए हैं, जो पुरापाषाण काल (Paleolithic period) से लेकर नवपाषाण काल (Neolithic period) तक के हैं। इन चित्रों में शिकार, नृत्य, पशु-पक्षी, युद्ध और प्राचीन मानव जीवन के अन्य पहलुओं को दर्शाया गया है। भीमबेटका की गुफाओं में पाए गए ये चित्र भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे पुरानी चित्रकला के रूप में माने जाते हैं और यह प्राचीन मानव सभ्यता के महत्वपूर्ण प्रमाण हैं।
15. पशुपालन संबधित है-
(a) मध्य पाषाण काल से
(c) उच्च पुरापाषाण काल से
(b) पुरा पाषाण काल से
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (a) : व्याख्या : पशुपालन का संबंध मध्य पाषाण काल (Mesolithic period) से है। इस काल में, मानव ने धीरे-धीरे पशुों को पालना शुरू किया और उन्हें खाने, परिवहन और कपड़ों के लिए उपयोग करना शुरू किया। मध्य पाषाण काल के अंत में, पशुपालन ने कृषि के साथ मिलकर स्थायी बसावट और समाजिक संरचनाओं का निर्माण किया। इस समय के बाद नवपाषाण काल में कृषि और पशुपालन दोनों का महत्वपूर्ण योगदान हुआ।
16. निम्नलिखित में से किसको चालकोलिथिक युग भी कहा जाता है?
(a) पुरापाषाण युग
(b) नवपाषाण युग
(c) ताम्रपाषाण युग
(d) लौह युग
उत्तर : (c) : व्याख्या : चालकोलिथिक युग (Chalcolithic Age) को ताम्रपाषाण युग भी कहा जाता है। यह युग ताम्र (copper) और पाषाण (stone) दोनों का मिश्रण था। इस युग में मानव ने ताम्रधातु (ताम्र) का उपयोग करना शुरू किया, लेकिन इसके साथ ही पत्थर के औजारों का भी इस्तेमाल जारी रखा। यह युग नवपाषाण काल (Neolithic period) और प्रारंभिक ताम्र युग (Early Bronze Age) के बीच का संक्रमण काल था। ताम्रपाषाण युग में मानव ने कृषि, पशुपालन, और मूलभूत धातु निर्माण की शुरुआत की, जो सभ्यता के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हुए।
17. निम्न में से किस एक पुरास्थल से पाषाण संस्कृति से लेकर हड़प्पा सभ्यता तक के संस्कृतिक अवशेष प्राप्त हुए हैं?
(a) आम्री
(b) मेहरगढ़
(c) कोटदीजी
(d) कालीबंगा
उत्तर : (b) : व्याख्या : मेहरगढ़ पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित एक महत्वपूर्ण पुरास्थल है, जहाँ पाषाण संस्कृति से लेकर हड़प्पा सभ्यता तक के संस्कृतिक अवशेष प्राप्त हुए हैं। यह स्थल नवपाषाण काल (Neolithic period) से लेकर हड़प्पा सभ्यता के अंतर्गत आने वाले समय का प्रमुख उदाहरण है। मेहरगढ़ में कृषि, पशुपालन और स्थायी बस्तियों के प्रमाण मिले हैं, जो इस क्षेत्र के विकास और सभ्यता के महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रदान करते हैं।
18. मनुष्य द्वारा प्रयोग की गई प्रथम धातु थी-
(a) लोहा
(b) निकिल
(c) तांबा
(d) कांसा
उत्तर : (c) : व्याख्या : मनुष्य द्वारा प्रयोग की गई प्रथम धातु ताम्र (Copper) थी। ताम्र का उपयोग प्राचीनकाल में औजार बनाने, सजावट और अन्य आवश्यकताओं के लिए किया जाता था। यह धातु ताम्रपाषाण युग (Chalcolithic Age) में प्रमुख रूप से इस्तेमाल की गई, जब मानव ने ताम्र और पत्थर के औजारों का मिश्रित उपयोग शुरू किया था।
19. बुर्जहोम संबंधित है-
(a) निम्न पुरापाषाण काल से
(b) उच्चपुरा पाषाण काल से
(c) मध्य पाषाण काल से
(d) नव पाषाण काल से
उत्तर : (d) : व्याख्या : बुर्जहोम जम्मू और कश्मीर में स्थित एक महत्वपूर्ण पुरास्थल है, जो नवपाषाण काल (Neolithic period) से संबंधित है। यहाँ से पशुपालन और कृषि के प्रमाण मिले हैं। इस स्थल पर मानव कंकाल के साथ कुत्ते का कंकाल भी मिला, जो यह दर्शाता है कि प्राचीन मानव ने कुत्तों को पालतू जानवर के रूप में पाला था। बुर्जहोम में गर्त आवास (pit dwellings) और अन्य नवपाषाण काल के जीवन से संबंधित साक्ष्य भी प्राप्त हुए हैं।
20. चावल के प्राचीन साक्ष्य कहां से प्राप्त हुए हैं?
(a) महागड़ा से
(b) आदमगढ़ सें
(c) कोल्डिहवा से
(d) इनमें के कोई नहीं
उत्तर : (c) : व्याख्या : कोलडिहवा (Koldehiwa) मध्य प्रदेश में स्थित एक महत्वपूर्ण पुरास्थल है, जहां से चावल (rice) के प्राचीन साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। यहाँ के उत्खनन से चावल के दाने और संबंधित कृषि उपकरण मिले हैं, जो यह साबित करते हैं कि प्राचीन काल में मानव ने चावल की खेती शुरू की थी। ये साक्ष्य यह संकेत देते हैं कि नवपाषाण काल में कृषि की शुरुआत के साथ-साथ चावल एक प्रमुख फसल के रूप में उगाई जाती थी।
21. बृहत संस्था में दफनाए गए बच्चों के शवाधान प्राप्त हुए हैं–
(a) कायथा संस्कृति से
(b) अहार संस्कृति से
(c) जोर्वे संस्कृति से
(d) मालवा संस्कृति से
उत्तर : (c) : व्याख्या : जोर्वे संस्कृति (Jorwe Culture) महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में फैली हुई एक प्रमुख प्राचीन संस्कृति है। इस संस्कृति से बृहत संस्था (large burial sites) में दफनाए गए बच्चों के शवाधान प्राप्त हुए हैं। जोर्वे संस्कृति में शवों को कब्रों में दफनाने की परंपरा थी, जिसमें बच्चों के शव भी शामिल थे। यहां के उत्खनन से इस संस्कृति के धार्मिक और सामाजिक रिवाजों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है, जैसे कि कृषि, पशुपालन और मिट्टी के बर्तनों का उपयोग।
22. कोपेनहेगन संग्राहालय की सामग्री से पाषाण, कास्य और लौह युग का त्रियुगीय विभाजन किया था।
(a) थॉमसन ने
(b) लुब्बाक ने
(c) टेलर
(d) चाइल्ड ने
उत्तर : (a) : व्याख्या : थॉमसन (Christian Jürgensen Thomsen) एक डेनिश पुरातत्वज्ञ थे, जिन्होंने कोपेनहेगन संग्राहालय (Copenhagen Museum) की सामग्री का अध्ययन करते हुए पाषाण युग, कास्य युग और लौह युग का त्रियुगीय विभाजन (Three-age system) किया। उनका यह विभाजन पृथ्वी के इतिहास को तीन मुख्य युगों में बांटता है, जिनका क्रम है: 1.पाषाण युग (Stone Age) 2.कास्य युग (Bronze Age) 3.लौह युग (Iron Age)
23. उत्खनित प्रमाणों के अनुसार, पशुपालन का प्रारंभ हुआ था–
(a) निचल पूर्वापाषाण काल
(b) मध्य पूर्वपाषाण काल मे
(c) ऊपरी एवं पाषाण काल में
(d) मध्यपाषाण काल में
उत्तर : (d) : व्याख्या : पशुपालन का प्रारंभ मध्यपाषाण काल (Mesolithic period) में हुआ था। इस काल में मानव ने धीरे-धीरे पशु पालन शुरू किया और पालतू जानवरों को पालने की प्रक्रिया शुरू की, जो बाद में नवपाषाण काल में और विकसित हुई।
24. मध्यपाषाणिक प्रसंग में पशुपालन के प्रमाण जहां मिल, वह स्थान है-
(a) लंघनाज
(b) बीरभानपुर
(c) आदमगढ़
(d) चोपनी मांडो
उत्तर : (c) : व्याख्या : आदमगढ़ मध्यपाषाण काल से संबंधित एक पुरास्थल है, जहाँ पशुपालन के प्रमाण मिले हैं। यहां के उत्खनन से भेड़ और बकरियों के अवशेष पाए गए, जो यह दिखाते हैं कि इस काल में पशुपालन की शुरुआत हो चुकी थी।
25. भारत में दो संस्कृतियां एक साथ पायी गई हैं
(a) मध्य पाषाणकाल एवं उच्च पुरापाषाण काल
(b) निम्न पुरापाषाणकाल एवं मध्यपाषाण काल
(c) नव पाषाणकाल एवं उच्च पुरापाषाण काल
(d) नव पाषाणकाल एवं मध्य पाषाण काल
उत्तर : (d) : व्याख्या : भारत में कुछ स्थलों पर नव पाषाणकाल (Neolithic period) और मध्य पाषाणकाल (Mesolithic period) की संस्कृतियों के साक्ष्य एक साथ पाए गए हैं। ये स्थल दर्शाते हैं कि प्राचीन मानव ने इन दोनों कालों के बीच के संक्रमणकालीन चरण में कृषि, पशुपालन, और स्थायी बस्तियों की शुरुआत की थी। उदाहरण के तौर पर, आदमगढ़ और कोलडिहवा जैसे स्थलों पर इन दोनों कालों के प्रमाण मिले हैं।
26. निम्नलिखित स्थलों में किस एक की खुदाई प्रस्तर युग से हड़प्पा संस्कृति तक निरंतर ह्रास और सांस्कृतिक विकास की प्रमाण देती है ?
(a) लोथल
(c) पैय्यमपल्ली
(b) कालीबंगा
(d) मेहरगढ़
उत्तर : (d) : व्याख्या : मेहरगढ़ पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित एक प्रमुख पुरास्थल है, जो प्रस्तर युग (Stone Age) से लेकर हड़प्पा संस्कृति (Indus Valley Civilization) तक के सांस्कृतिक विकास और निरंतर ह्रास के प्रमाण प्रदान करता है। यहां की खुदाई से नवपाषाण काल (Neolithic period) के साक्ष्य मिले हैं, साथ ही हड़प्पा संस्कृति के प्रभाव के भी संकेत मिले हैं। मेहरगढ़ में मानव ने कृषि, पशुपालन और स्थायी बस्तियों का विकास किया था, और बाद में यहाँ हड़प्पा सभ्यता के तत्व भी पाये गए, जो इस स्थल पर सांस्कृतिक और सभ्यतागत विकास को दर्शाते हैं।
27. भारतीय उपमहाद्वीप में कृषि के प्राचीनतम साक्ष्य कहां से प्राप्त हुए हैं?
(a) लोथल
(b) हड़प्पा
(c) मेहरगढ
(d) मुंडिगाक
उत्तर : (c) : व्याख्या : मेहरगढ़ पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित एक महत्वपूर्ण स्थल है, जहां से भारतीय उपमहाद्वीप में कृषि के प्राचीनतम साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। यहाँ के उत्खनन से कृषि और पशुपालन के प्रमाण मिले हैं, जो यह दर्शाते हैं कि मानव ने नवपाषाण काल में कृषि की शुरुआत की थी।
28. निम्नलिखित में से स्थल से हड्डी के उपकरण प्राप्त हुए है?
(a) चोपनी मांडो से
(b) काकोरिया से
(c) महदहा से
(d) सराय नाहर से
उत्तर : (c) : व्याख्या : महदहा (Mahadaha) से हड्डी के उपकरण प्राप्त हुए हैं। यह स्थल मध्यपाषाण काल (Mesolithic period) का है, जहां हड्डी और अन्य सामग्री से बने उपकरण पाए गए, जो उस समय के मानव जीवन की गतिविधियों को दर्शाते हैं।
29. उस स्थल का नाम बताइए जहां से प्राचीनतम स्थायी जीवन के प्रमाण मिले हैं?
(a) धौलावीरा
(b) किले गुल मोहम्मद
(c) कालबंगा
(d) मेहरगढ़
उत्तर : (d) : व्याख्या : मेहरगढ़ पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित एक महत्वपूर्ण पुरास्थल है, जहां से प्राचीनतम स्थायी जीवन के प्रमाण मिले हैं। यहाँ के उत्खनन से यह पता चलता है कि नवपाषाण काल (Neolithic period) में मानव ने स्थायी बस्तियाँ बनानी शुरू की और कृषि तथा पशुपालन जैसी गतिविधियाँ शुरू की थीं। मेहरगढ़ में मिले गर्त आवास और कृषि के प्रमाण इस बात का स्पष्ट संकेत देते हैं कि यहाँ पर प्राचीन काल में स्थायी जीवन अस्तित्व में था।
30. हड्डी से निर्मित आभूषण भारत में मध्यपाषाण काल के संदर्भ में प्राप्त हुए है
(a) सराय नाहर से
(b) महदहा से
(c) लेखहिया से
(d) चापनी मांडो से
उत्तर : (b) : व्याख्या : भारत में मध्यपाषाण काल (Mesolithic period) के दौरान हड्डी से निर्मित आभूषण प्राप्त हुए हैं। इन आभूषणों में हड्डी की मणियाँ और फूलों जैसी आकृतियाँ शामिल हैं, जो इस काल के लोगों की कला, संस्कृति और सौंदर्यबोध को दर्शाती हैं। ये आभूषण स्थलों जैसे भीमबेटका, महदहा, और चोपनी मांडो से प्राप्त हुए हैं, जो यह बताते हैं कि प्राचीन मानव ने हड्डी और अन्य प्राकृतिक सामग्रियों से सजावट के लिए वस्त्र और आभूषण बनाए थे।
31. एक ही कब्र से तीन मानव कंकाल निकले है-
(a) सराय नाहर राय से
(b) दमदमा से
(c) महदहा से
(d) लंघनाज से
उत्तर : (b) : व्याख्या : दमदमा (Damdama) से एक ही कब्र से तीन मानव कंकाल प्राप्त हुए हैं। यह स्थल मध्यपाषाण काल का है और यहां से मिले कंकाल यह दर्शाते हैं कि इस समय के समाज में सामूहिक दफनाने की परंपरा मौजूद थी। इन कंकालों की खोज से प्राचीन मानव के शवाधान रिवाजों और सांस्कृतिक प्रथाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है।
32. गैरिक मृदभांड पात्र (ओ.सी.पी.) का नाकरण हुआ था-
(a) हस्तिनापुर में
(b) अहिच्छत्र में
(c) नोंह में
(d) लाल किला में
उत्तर : (a) : व्याख्या : गैरिक मृदभांड पात्र (O.C.P.) का नखरण हस्तिनापुर से हुआ था। हस्तिनापुर उत्तर प्रदेश में स्थित एक महत्वपूर्ण पुरास्थल है, जहां से गैरिक मृदभांड के प्रमाण मिले हैं। यह मृदभांड ओ.सी.पी. (Ochre Coloured Pottery) संस्कृति से संबंधित हैं, जो प्राचीन भारतीय संस्कृति का हिस्सा हैं।
33. खाद्यानों की कृषि सर्वप्रथम प्रारंभ हुई थी।
(a) नवपाषाण काल में
(b) मध्यपाषाण काल में
(c) पुरापाषाण काल में
(d) प्रोटोऐतिहासिक काल में
उत्तर : (a) : व्याख्या : मेहरगढ़ पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित एक प्रमुख पुरास्थल है, जहां से खाद्यानों की कृषि के प्राचीनतम प्रमाण प्राप्त हुए हैं। यहाँ के उत्खनन से यह पता चलता है कि नवपाषाण काल (Neolithic period) में मानव ने गेंहू, जौ, चावल, और मटर जैसी फसलों की खेती शुरू की थी। यह स्थल प्राचीन कृषि जीवन की शुरुआत को दर्शाता है, जो बाद में हड़प्पा सभ्यता में भी महत्वपूर्ण था।
34. भीमबेटका की गुफाएं कहां स्थित है ?
(a) भोपाल
(b) पंचमढ़ी
(c) सिंगरौली
(d) अब्दुल्लागंज- रायसेन
उत्तर : (d) : व्याख्या : भीमबेटका की गुफाएं मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित हैं। यह स्थल प्रागैतिहासिक चित्रकला के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ प्राचीन मानव द्वारा बनाई गई चमचमाती चित्रकला और चित्रित गुफाएं मिलती हैं। यहाँ की गुफाओं में पेंटिंग्स और हड्डी के औजार पाए गए हैं, जो पाषाण युग (Stone Age) के मानव जीवन को दर्शाते हैं। भीमबेटका गुफाएं यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त हैं।
35. भारत में मानव सर्वप्रथम साक्ष्य कहां मिलता है?
(a) नीलगिरि पहाड़ियां
(b) शिवालिक पहाड़ियां
(c) नल्लमाला पहाड़ियां
(d) नर्मदा घाटी
उत्तर : (d) : व्याख्या : भारत में मानव के सर्वप्रथम साक्ष्य नर्मदा घाटी से प्राप्त हुए हैं। यहाँ शिवपुरी और हाथी मील जैसे स्थलों पर प्राचीन पाषाण उपकरण और हड्डियों के अवशेष मिले हैं, जो यह दर्शाते हैं कि मानव ने नर्मदा घाटी में लगभग 5 लाख साल पहले निवास करना शुरू किया था। इस क्षेत्र से प्राप्त उपकरण और जीवाश्म मानव के प्रारंभिक जीवन और उपकरणों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।
36. कृषि के सबसे पुराने प्रमाण भारतीय उपमहाद्वीप में किस स्थान से प्राप्त हुए हैं?
(a) ब्रह्मगिरि
(b) बुर्जहोम
(c) कोलडिहवा
(d) मेहरगढ़
उत्तर : (d) : व्याख्या : मेहरगढ़ (Mehrgarh) पाकिस्तान के बलूचिस्तान क्षेत्र में स्थित एक महत्वपूर्ण प्राचीन स्थल है, जहां से भारतीय उपमहाद्वीप में कृषि के सबसे पुराने प्रमाण प्राप्त हुए हैं। यहां के उत्खनन से यह पता चला कि मानव ने नवपाषाण काल (Neolithic period) में कृषि की शुरुआत की थी। यहां गेहूं, जौ, चावल, और मटर जैसी फसलों की खेती के प्रमाण मिले हैं, जो प्राचीन कृषि जीवन की शुरुआत को दर्शाते हैं। यह स्थल प्राचीन मानव सभ्यता के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण साक्ष्य है।
37. नवदाटोली का उत्खनन किसने किया था?
(a) के.डी. बाजपेयी ने
(b) वी.एस. वाकंकड़ ने
(c) एच.डी. सांकलिया ने
(d) प्रोटोऐतिहासिक काल में
उत्तर : (c) : व्याख्या : नवदाटोली का उत्खनन एच.डी. सांकलिया (H.D. Sankalia) ने किया था। यह स्थल मध्य प्रदेश में स्थित है, और यहाँ से चालकोलिथिक (Chalcolithic) काल के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं, जो हड़प्पा संस्कृति और अन्य प्राचीन संस्कृतियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।
38. राख का टीला निम्नलिखित किस नवपाषाणिक स्थल से संम्बधित है ?
(a) बुदिहाल
(b) संगनकल्लू
(c) कोलडिहवा
(d) ब्रहगिरि
उत्तर : (b) : व्याख्या : संगनकल्लू (Sanganakallu) कर्नाटक राज्य में स्थित एक महत्वपूर्ण नवपाषाणिक स्थल है, जो राख के टीले (Ash Mound) के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ से मिले राख के टीले यह दर्शाते हैं कि इस स्थल पर प्राचीन समय में अग्नि का प्रयोग बड़े पैमाने पर हुआ था। संगनकल्लू में पाए गए पाषाण उपकरण, मृदभांड, और अस्थियाँ इस बात का संकेत हैं कि यहाँ के लोग कृषि, पशुपालन और स्थायी बस्तियों के जीवन में संलग्न थे। राख के टीले यह भी दर्शाते हैं कि यहाँ आग जलाने और भोजन पकाने के लिए प्रयोग किया जाता था।
39. भारतीय उपमहाद्वीप में कृषि के प्राचीनतम साक्ष्य प्राप्त हुए हैं-
(a) कोलडिहवा
(b) लहुरादेव से
(c) मेहरगढ़ से
(d) टोकवा से
उत्तर : (b) : व्याख्या : लहुरादेव (Lahuradewa) उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में स्थित एक प्रमुख पुरास्थल है, जहां से भारतीय उपमहाद्वीप में कृषि के प्राचीनतम साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। यहाँ पर नवपाषाण काल (Neolithic period) से संबंधित कृषि के प्रमाण मिले हैं, जैसे कि गेहूं और जौ की खेती। यह स्थल कृषि के विकास के महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रदान करता है और प्राचीन मानव के कृषि जीवन की शुरुआत को दर्शाता है।
40. भारत में किस शिलाश्रय से सर्वाधिक चित्र प्राप्त हुए है?
(a) घघरिया
(b) भीमबेटका
(c) लेखहिया
(d) आदमगढ़
उत्तर : (b) : व्याख्या : भीमबेटका (Bhimbetka) गुफाएं मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित हैं और भारत में सर्वाधिक चित्र प्राप्त होने के लिए प्रसिद्ध हैं। यहाँ से पाषाण युग (Stone Age) के प्राचीनतम चित्रकला के साक्ष्य मिले हैं, जो चित्रित गुफाएं और चमचमाती चित्रकला के रूप में हैं। इन चित्रों में पशु, मानव आकृतियाँ, और युद्ध के दृश्य शामिल हैं। भीमबेटका गुफाओं को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।
41. विंध्य क्षेत्र के किस शिलाश्रय से सर्वाधिक मानव कंकाल मिले है ?
(a) मोरहना पहाड़
(b) घघरिया
(c) बघही खोर
(d) लेखहिया
उत्तर : (d) : व्याख्या : लेखहिया (Lehahia) एक महत्वपूर्ण शिलाश्रय है, जो विंध्य क्षेत्र में स्थित है। यहाँ से सर्वाधिक मानव कंकाल प्राप्त हुए हैं, जो प्राचीन मानव जीवन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। यह स्थल प्राचीन मानव सभ्यता और उनके शवाधान रिवाजों को समझने में मदद करता है। लेखहिया से प्राप्त कंकालों ने पुरातत्वविदों को प्राचीन मानव के जीवन और उनकी सांस्कृतिक प्रथाओं को जानने का अवसर दिया है।
42. भारतीय पुरातत्व का जनक किसे कहा जाता है?
(a) अलेक्जेंडर कनिंघम
(b) जॉन मार्शल
(c) मार्टीमर व्हीलर
(d) जेम्स प्रिंसेप
उत्तर : (a) : व्याख्या : अलेक्जेंडर कनिंघम को भारतीय पुरातत्व का जनक कहा जाता है। वह एक ब्रिटिश अधिकारी और पुरातत्वविद थे, जिन्होंने भारतीय पुरातत्व के क्षेत्र में अहम कार्य किए। अलेक्जेंडर कनिंघम ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की स्थापना की और भारतीय प्राचीन स्मारकों और स्थलों के सर्वेक्षण की शुरुआत की। उन्होंने सिंधु घाटी सभ्यता और हड़प्पा सभ्यता जैसे प्राचीन स्थलों के महत्त्व को उजागर किया और भारतीय इतिहास को पुनः परिभाषित किया। उनके योगदान के कारण भारतीय पुरातत्व अध्ययन में एक नई दिशा मिली।
43. राष्ट्रीय मानव संग्रहालय कहां पर है ?
(a) गुहावटी
(b) बस्तर
(c) भोपाल
(d) चेन्नई
उत्तर : (c) : व्याख्या : राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल, मध्य प्रदेश में स्थित है। यह संग्रहालय भारतीय जनजातियों, उनकी संस्कृति, कला, परंपराओं और जीवनशैली को प्रदर्शित करता है। यहाँ पर विभिन्न जनजातियों के पारंपरिक वस्त्र, उपकरण, वास स्थल, और सांस्कृतिक प्रदर्शन की जानकारी दी जाती है। यह संग्रहालय भारतीय जनजातीय जीवन की समृद्ध धरोहर को संरक्षित करने का कार्य करता है।
44. मानव द्वारा सर्वप्रथम प्रयुक्त अनाज था-
(a) गेंहूं
(b) चावल
(c) जौ
(d) बाजरा
उत्तर : (c) : व्याख्या : जौ मानव द्वारा सर्वप्रथम प्रयुक्त अनाज था। प्राचीन काल में, विशेष रूप से नवपाषाण काल में, जौ की खेती शुरू हुई थी। यह मेहरगढ़, लहुरादेव, और अन्य प्राचीन स्थलों से प्राप्त प्रमाणों से स्पष्ट होता है। जौ का उपयोग मनुष्यों ने खाद्य के रूप में किया और साथ ही इसे पशुओं के लिए चारा भी बनाया गया था। जौ को मानव सभ्यता के विकास में एक महत्वपूर्ण अनाज माना जाता है।
45. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण निम्नलिखित विभागो / मंत्रालयों में से किसका संलग्न कार्यालय है?
(a) पर्यटन
(b) संस्कृति
(c) विज्ञान और प्रौद्योगिकी
(d) मानव संसाधन विकास
उत्तर : (b) : व्याख्या : भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) संस्कृति मंत्रालय का संलग्न कार्यालय है। यह मंत्रालय भारत की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण, विकास, और प्रचार-प्रसार के लिए जिम्मेदार है।
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